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Hindi Now Uttar Pradesh • 11 Jul 2025, 03:46 pm
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले की एक होनहार दिव्यांग बेटी ने देश-प्रदेश और अपने जनपद का नाम रोशन किया है। दिव्यांग बेटी स्वाति सिंह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते पदक हासिल किया है। स्वाति सिंह लखनऊ की डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं। वह युगांडा की राजधानी कंपाला में आयोजित युगांडा इंटरनेशनल टूर्नामेंट 2025 में शामिल होने वहां पहुंचीं थीं। उन्होंने वहां स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर नया इतिहास रचा है। आज जब वह अपने जनपद लौटीं तो रेलवे स्टेशन पर ढोल-नगाड़ों के साथ उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में उनके फैंस की भीड़ जुटी। सभी जश्न मनाते नजर आए और स्वाति के साथ सेल्फी लेने की होड़ लग गई।
बता दें कि इस प्रतियोगिता में 50 से अधिक देशों के दिव्यांग खिलाड़ियों ने भाग लिया। स्वाति सिंह ने अपने दमदार प्रदर्शन से तीन पदक जीते। इसमें स्वर्ण, कांस्य और रजत पदक शामिल हैं। उनकी इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से कोई भी बाधा पार की जा सकती है। जब स्वाति सिंह विजयी होकर जालौन पहुंचीं तो उनके सम्मान में उरई रेलवे स्टेशन पर उनका भव्य स्वागत किया गया। जिला प्रशासन, शिक्षकों, समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें जमकर बधाई दी और उनके संघर्ष और सफलता की सराहना की। उनकी इस उपलब्धि से जनपद ही नहीं, पूरे प्रदेश में खुशी की लहर है।
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने कोच, विश्वविद्यालय और परिवार को दिया जीत का श्रेय
स्वाति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, कोच और विश्वविद्यालय को दिया। उन्होंने कहा कि यह मेरी पहली बड़ी सफलता है। मेरा सपना एशियन गेम्स और पैरालंपिक्स में देश के लिए स्वर्ण जीतना है। मैं और ज्यादा मेहनत करके देश का नाम रोशन करना चाहती हूं। स्वाति सिंह की यह सफलता न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश के दिव्यांग समुदाय के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने साबित किया कि शारीरिक चुनौतियां किसी के सपनों में बाधा नहीं बन सकतीं। उनकी यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को हौसला और प्रेरणा देगी।
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