मौलाना तौकीर रजा को सताया डर? बोले- छांगुर की तरह मुझे भी..

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 25 Jul 2025, 04:48 pm
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उत्तर प्रदेश के बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुझे भी झांगुर बाबा की की तरह फंसाया जा सकता है। यह उनके कुछ किए-कराए का डर है या कुछ और? आइये पूरा मामला जानते हैं।

बरेली में इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने को डर सताने लगा है। उन्होंने कहा है कि मुझे भी छांगुर बाबा की तरह फंसाया जा सकता है। तौकीर रजा ने भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये संगठन देश और हिंदुत्व दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 2014 के बाद जो हिंदुत्व सामने आया है, वह असली हिंदुओं को बदनाम करने वाला है। तौकीर रजा का कहना है कि जो सरकार के खिलाफ बोलता है, उसे हिंदू मानने से इनकार कर दिया जाता है। उनका आरोप है कि देश में असल हिंदुस्तानियों को उनका हक नहीं मिल रहा, जबकि बाहरी लोग सत्ता की मलाई खा रहे हैं।

मौलाना ने आशंका जताई कि उन्हें भी जानबूझकर फंसाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह छांगुर बाबा को निशाना बनाया गया, उसी तरह उन्हें भी विदेशी फंडिंग, आईएसआई, पाकिस्तान या लश्कर-ए-तैयबा से जोड़कर बदनाम किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनके समुदाय में गैर मुस्लिमों को मुसलमान बनाने की कोई परंपरा नहीं है और ऐसी कोशिशें सख्त रूप से मना हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की जिम्मेदारी है कि वे खुद सच्चे मुसलमान बनें, न कि दूसरों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम कोई बहुत पुराना मजहब नहीं है, बल्कि नया है और इतिहास गवाह है कि जब यह हिंदुस्तान में आया तो बहुत से लोग तेजी से मुसलमान बन गए थे। उन्होंने यह भी माना कि बहुत से मुस्लिम आज भी उन रस्मों-रिवाजों को अपनाते हैं, जो उनके पूर्वज हिंदू धर्म से लेकर आए थे। इसी वजह से मुसलमानों की छवि पर असर पड़ा है। तौकीर रजा का कहना है कि यदि अपने धर्म का प्रचार करना अपराध है तो वे इसे स्वीकार करते हैं, लेकिन जब बाकी धर्मों को प्रचार की आजादी है तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर उनकी धार्मिक आजादी छीनने का आरोप लगाया।

समाजवादी पार्टी पर भी उन्होंने निशाना साधा और मस्जिद में सपा नेताओं की बैठक को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मस्जिद को सियासत से जोड़ना गलत है और इसका संदेश समाज में नकारात्मक जाता है। मस्जिद इबादत की जगह है, न कि राजनीतिक सभा की। उन्होंने कहा कि अगर सियासत के लिए मस्जिद का इस्तेमाल हुआ है, तो पूरा देश इसकी निंदा करेगा।

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