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Hindi Now Uttar Pradesh • 26 Jul 2025, 08:25 pm
उत्तर प्रदेश में इन दिनों नौकरशाही से लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इसकी वजह यह है कि मुख्य सचिव आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह जल्द ही सरकारी सिस्टम से विदा लेने वाले हैं। यानी 31 जुलाई 2025 को वह रिटायर हो रहे हैं। इसको लेकर अब उनकी कुर्सी पर सबकी नजर है। सभी टकटकी लगाए देख रहे हैं कि क्या मनोज कुमार को सेवा विस्तार मिलेगा या फिर उनकी गद्दी पर कोई नया चेहरा विराजमान होगा। हालांकि वर्तमान सरकारी सिस्टम में फिट बैठने वाले और प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारी को एक्टसेंटशन दिलाने के लिए तो योगी सरकार ने हर संभव प्रयास शुरू कर दिए हैं। सरकार ने उन्हें सेवा विस्तार दिलाने के लिए केंद्र में एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है, लेकिन यह मनोज कुमार के रिटायरमेंट वाले दिन ही साफ हो सकेगा कि आखिर यूपी की इस पावरफुल गद्दी पर कौन बैठेगा। आईएस मनोज कुमार को एक बार फिर मौका मिलेगा या फिर यह कुर्सी कोई और संभालेगा।
कुछ अधिकारी रिटायरमेंट चाहते तो कुछ एक्सटेंशन
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के रिटायरमेंट को लेकर उत्सुकता इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि कुछ अधिकारी चाहते हैं कि उन्हों एक्सटेंशन न मिले और वह रिटायर हो जाएं। इसकी वजह यह है कि अगर मनोज कुमार को एक्सटेंशन मिला तो उनकी कुर्सी पर बैठने की आश लगाने वाले अन्य आईएएस अधिकारियों की मंशा पर पानी फिर जाएगा। इस तरह जिन अधिकारियों का नाम आगे चल रहा है, कहीं न कहीं उनके मन में वर्तमान मुख्य सचिव के रिटायरमेंट की चाहत है। वहीं कुछ अधिकारी चाहते हैं कि उन्हेंं एक्सटेंशन मिले और वह अभी रिटायर न हों। ऐसा इसलिए क्योंकि जिन अधिकारियों के सिर पर मुख्य सचिव का हाथ रहा है, वह चाहते हैं कि अभी सेवा विस्तार बरकरार रहे। इतना ही नहीं मनोज कुमार नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन भी हैं। प्राधिकरण के कई अधिकारियों पर भी उनकी कृपा है। इसके चलते प्राधिकरण के भी अधिकारी यही चाहते हैं कि सेवा विस्तार मिले। मुख्य सचिव आईआईडीसी और पिकप के चेयरमैन और यूपीडा के सीईओ भी हैं। इन विभागों के अधिकारी भी एक्सटेंशन की कामना कर रहे हैं।
क्या हैं अटकलें, क्या मिलेगा सेवा विस्तार?
सूत्रों की मानें तो मुख्य सचिव मनोज सिंह को सेवा विस्तार मिलने की संभावना काफी प्रबल है, क्योंकि योगी सरकार उनके नेतृत्व में जारी परियोजनाओं को बिना किसी रुकावट के पूरा करना चाहती है। हालांकि यदि केंद्र सरकार सेवा विस्तार को मंजूरी नहीं देती तो उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में बड़ा बदलाव संभव है। ऐसे में प्रशासनिक ढांचे में व्यापक बदलाव देखने को मिल सकता है। इससे सरकार की कार्यशैली और परियोजनाओं के प्रबंधन पर भी असर पड़ सकता है। योगी सरकार ने केंद्र को पत्र भेजकर मुख्य सचिव मनोज सिंह के कार्यकाल को एक साल और बढ़ाने की सिफारिश की है। इसमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे आयोजनों में उनके योगदान को उल्लेखनीय बताया है। हालांकि सेवा विस्तार का अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को लेना है। उम्मीद है कि 30 या 31 जुलाई तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और तय हो जाएगा कि उन्हें विस्तार मिलेगा या नौकरशाही में बदलाव दिखने को मिलेगा।
मुख्य सचिव की दौड़ में इन अधिकारियों का नाम आगे
मुख्य सचिव पद की दौड़ में तीन वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के नाम आगे चल रहे हैं। इनमें एसपी गोयल, देवेश चतुर्वेदी और और दीपक कुमार का नाम शामिल है। एसपी गोयल 1989 बैच के अधिकारी हैं। वे वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपर मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वे मुख्यमंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं और प्रदेश की नौकरशाही पर उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। वहीं देवेश चतुर्वेदी भी 1989 बैच के ही अधिकारी हैं। इस समय केंद्र सरकार में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव के पद पर तैनात हैं। गोरखपुर में योगी के सांसद कार्यकाल के दौरान वे जिलाधिकारी रह चुके हैं और उनकी प्रबंधन क्षमता की व्यापक सराहना होती है। हालांकि उनकी नियुक्ति के लिए केंद्र से अनुमति लेना जरूरी होगा। इनके अलावा 1990 बैच के दीपक कुमार का नाम भी सामने आ रहै है। वे वर्तमान में कृषि उत्पादन आयुक्त हैं और उनकी ईमानदार छवि व तेज निर्णय क्षमता उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाती है।
राजनीतिक गलियारों में भी मुख्य सचिव को लेकर चर्चा
मुख्य सचिव को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिलता तो यह साफ संकेत होगा कि दिल्ली और लखनऊ के बीच रिश्ते कुछ ठीक नहीं हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर उन्हें सेवा विस्तार दिया जाता है तो माना जाएगा कि हालात सकारात्मक हैं, लेकिन अगर नहीं मिला तो यह इशारा होगा कि कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
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