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Hindi Now Uttar Pradesh • 05 Jul 2025, 03:45 pm
पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 4 जुलाई को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा की गई। निहाल मोदी के खिलाफ भारत की केंद्रीय एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लंबे समय से कार्रवाई की मांग कर रखी थी। अब उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है। निहाल की जमानत याचिका पर 17 जुलाई को नेशनल डिस्ट्रिक्ट ऑफ होनोलूलू (NDOH) में सुनवाई होगी।
निहाल मोदी पर आरोप है कि वह पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 13,600 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल थे। इस मामले में उनके भाई नीरव मोदी और मामा मेहुल चोकसी पहले से ही प्रमुख आरोपी हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि निहाल ने फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल करके घोटाले के पैसे को छिपाने और बाहर भेजने में मदद की। इसके अलावा अमेरिका में भी LLD डायमंड्स नाम की कंपनी के साथ धोखाधड़ी के आरोप निहाल पर हैं। निहाल के खिलाफ मुख्यतः मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप दर्ज किए गए हैं। 2019 में इंटरपोल ने निहाल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उनकी तलाश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हो गई थी। 2021 में सीबीआई और ईडी ने संयुक्त रूप से अमेरिका से उनके प्रत्यर्पण की औपचारिक अपील की थी। हाल ही में अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के अनुरोध पर निहाल को होनोलूलू से गिरफ्तार कर लिया।
पीएनबी घोटाले की शुरुआत 2018 में हुई थी, जब नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के जरिए हजारों करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। इस घोटाले में जिन फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया गया था, उनमें से दो का संचालन निहाल मोदी के हाथ में था। जांच एजेंसियों का दावा है कि इन कंपनियों के जरिए करीब 350 करोड़ रुपए का लेन-देन किया गया।
क्या निहाल मोदी को प्रत्यर्पण कर भारत लाया जाएगा?
निहाल की गिरफ्तारी के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या निहाल मोदी को भारत लाया जा सकेगा? तो इसका जवाब है हां और भारत सरकार ने अमेरिका को निहाल के प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक दस्तावेज और सबूत भी सौंप दिए हैं। अगर अमेरिकी अदालत उनकी जमानत याचिका खारिज कर देती है और प्रत्यर्पण को मंजूरी मिल जाती है तो उसे भारत लाया जा सकता है। हालांकि यह प्रक्रिया समय ले सकती है, क्योंकि निहाल के वकील यह तर्क दे सकते हैं कि मामला राजनीति से प्रेरित है या भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिलेगी। नीरव मोदी का उदाहरण सबके सामने है। उसे 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन आज तक उसका प्रत्यर्पण नहीं हो पाया है। उसने ब्रिटेन में राजनीतिक शरण की अर्जी दी हुई है। हालांकि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत प्रत्यर्पण संधि है। इसके तहत उम्मीद है कि निहाल को जल्द भारत लाया जा सकेगा।
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