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Hindi Now Uttar Pradesh • 22 Jul 2025, 10:28 am
भारत के 14 उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अचानक अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देकर चौंका दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू को संबोधित त्याग पत्र में स्वास्थ्य संबंधी कारणों और चिकित्सा सलाह का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दिया है। जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे से सियासी हलचल तेज हो गई है और कई अटकलें भी लगने लगी हैं। वहीं, नए उपराष्ट्रपति के नामों पर लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
राष्ट्रपति को संबोधित पत्र में ये लिखा
जगदीप धनखड़ ने त्याग पत्र में लिखा, माननीय राष्ट्रपति जी .. सेहत को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह को मानने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार अपने पद से इस्तीफा देता हूं। मैं भारत के राष्ट्रपति में गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। आपका समर्थन अडिग रहा, जिनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा। मैं माननीय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। माननीय सांसदों से मुझे जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला है, वह मेरी स्मृति में हमेशा रहेगा। मैं इस बात के लिए आभारी हूं कि मुझे इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में जो अनुभव और ज्ञान मिला, वह अत्यंत मूल्यवान रहा। यह मेरे लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है कि मैंने भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और इस परिवर्तनकारी युग में उसके तेज विकास को देखा और उसमें भागीदारी की। हमारे राष्ट्र के इतिहास के इस महत्वपूर्ण दौर में सेवा करना मेरे लिए सच्चे सम्मान की बात रही। आज जब मैं इस सम्माननीय पद को छोड़ रहा हूं, मेरे दिल में भारत की उपलब्धियों और शानदार भविष्य के लिए गर्व और अटूट विश्वास है।'
2027 में कार्यकाल हो रहा था समाप्त
जगदीप धनखड़ ने 6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को 725 वोट से हराया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का था। उपराष्ट्रपति बनने से पहले धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे।
वकील से उपराष्ट्रपति तक का सफर
जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक साधारण से किसान परिवार में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा गांव से पूरी हुई, फिर चित्तौड़गढ़ सैनिक स्कूल में पढ़ाई की। उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में हो गया था, लेकिन वहां न जाकर उन्होंने लॉ किया था। राजस्थान यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और लॉ की पढ़ाई की और जयपुर में रहकर वकालत शुरू की थी। कोर्ट के जाने माने वकीलों में से एक हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए राज्यपालों में से एक या एक अनुभवी संगठनात्मक नेता या केंद्रीय मंत्रियों में से एक को चुना जा सकता है। इस पद पर चुनने के लिए नेताओं का एक बड़ा समूह है।