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Hindi Now Uttar Pradesh • 17 Jul 2025, 12:14 pm
पीलीभीत के न्यूरिया इलाके में आदमखोर बाघ का भयानक खौफ है। यहां गुरुवार सुबह दो घंटे के भीतर बाघ ने तीन अलग-अलग ग्रामीणों पर हमला कर दिया। इसमें मंडरिया गांव की 50 वर्षीय महिला तृष्णा की जान चली गई। तृष्णा सुबह खेत पर गई थी। तभी अचानक बाघ ने उसे दबोच लिया और घसीटते हुए जंगल ले गया। कुछ देर बाद ग्रामीणों को उनका शव खेत से बरामद हुआ। इस हमले से करीब 15 मिनट पहले उसी गांव के एक किशोर नीलेश पर भी बाघ ने हमला किया था। नीलेश ने बहादुरी दिखाते हुए करीब 10 मिनट तक बाघ का मुकाबला किया और शोर सुनकर ग्रामीणों के जुटने पर बाघ भाग खड़ा हुआ।
आज सुबह ही सहजनिया गांव में भी एक 50 वर्षीय महिला मीना पर बाघ ने हमला कर दिया। मीना खेत की ओर जा रही थी। तभी गन्ने के खेत से निकले बाघ ने उन्हें पकड़ लिया और करीब 20 मीटर तक घसीटते हुए ले गया। ग्रामीणों के शोर मचाने पर बाघ वहां से भाग गया, लेकिन मीना गंभीर रूप से घायल हो गई। उसकी पीठ पर गहरा जख्म हुआ है और उसे में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। लगातार हो रहे बाघ के हमलों से ग्रामीणों में दहशत के साथ-साथ गुस्सा भी है। मंडरिया गांव में महिला की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। सूचना मिलने पर डीएम ज्ञानेंद्र सिंह और एसपी अभिषेक यादव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वन विभाग की टीमें भी सक्रिय हैं और बाघों की तलाश के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। बावजूद इसके बाघ लगातार जगह बदलकर टीमों को चकमा दे रहा है।
ग्रामीणों ने खेतों और सड़कों पर घूमते बाघ का वीडियो भी बनाया है और दावा किया है कि इलाके में दो बाघ एक्टिव हैं। वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने सुरक्षा इंतजामों को लेकर नाराजगी जताई है और पुख्ता इंतजाम की मांग की है। इससे पहले सोमवार सुबह न्यूरिया थाना क्षेत्र के फुलहर गांव में बाघ ने किसान दयाराम की जान ले ली थी। इसके बाद से वन विभाग ने दो हाथियों और थर्मल ड्रोन की मदद से निगरानी शुरू की थी। बाघ को पकड़ने के लिए जाल भी बिछाए गए, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। गुरुवार को हुए हमले ने एक बार फिर पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। ग्रामीण अब अपने घरों में कैद होने को मजबूर हैं।
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