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Hindi Now Uttar Pradesh • 05 Jul 2025, 06:23 pm
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बौद्ध और सिख श्रद्धालुओं को बड़ा तोहफा दिया है। सीएम ने इन श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्राओं के लिए मदद करने की योजना बनाई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री ने शनिवार को अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की है। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिया कि बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना और पंच तख्त यात्रा योजना शुरू की जाए। इन योजनाओं के माध्यम से श्रद्धालुओं को उनकी आस्था के प्रमुख तीर्थस्थलों की यात्रा में सहायता प्रदान की जाए। प्रत्येक श्रद्धालु को यात्रा के लिए 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए, जिससे वह आर्थिक कठिनाई के बिना तीर्थ यात्राओं का सपना साकार कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और चयन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही कमजोर आय वर्ग के श्रद्धालुओं को प्राथमिकता दी जाएगी। दोनों योजनाएं भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के सहयोग से संचालित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जल्द से जल्द लागू किया जाए, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना के तहत लाभार्थियों के चयन में बौद्ध भिक्षुओं को प्राथमिकता दी जाए। तीर्थ यात्राओं को भारतीय संस्कृति में आत्मिक उत्थान और सामाजिक समरसता का माध्यम बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह नागरिकों को उनकी धार्मिक आस्था से जुड़े स्थलों तक पहुंचने में सहयोग करे। इसके लिए सुविधाएं, सुरक्षा और सम्मानजनक व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।
बौद्ध तीर्थ दर्शन योजना का उद्देश्य प्रदेश के हिन्दू-बौद्ध श्रद्धालुओं को देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा कराना है। इसके माध्यम से उन्हें बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक स्थलों तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। वहीं पंच तख्त यात्रा योजना विशेष रूप से सिख श्रद्धालुओं के लिए शुरू की जा रही है। इसके तहत श्रद्धालुओं को भारत के पांच प्रमुख तख्त साहिब स्थलों की यात्रा कराई जाएगी। ये स्थल सिख धर्म के सर्वोच्च धार्मिक केंद्र माने जाते हैं। इन योजनाओं के लागू होने से उत्तर प्रदेश के श्रद्धालुओं को आस्था की पूर्ति होगी।साथ ही बल्कि राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन नीति को भी बल मिलेगा।
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