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Hindi Now Uttar Pradesh • 19 Jul 2025, 07:28 pm
चंदौली की डीडीयू आरपीएफ, सीआइबी और बचपन बचाओ टीम ने बच्चों की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने एक्सप्रेस ट्रेन में चेकिंग के दौरान कार्रवाई करते हुए 4 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया है। सभी बच्चे ट्रेन में डरे-सहमे हालत में मिले। इस पर टीम को शक हुआ और मौके से एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। रेस्क्यू किये गए बच्चों को दूसरे प्रदेश में काम करने के लिए ले जाया जा रहा था। आरपीएफ ने बच्चों को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया है। साथ ही ट्रैफिकर को मुग़लसराय कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया है।
आरपीएफ का ऑपरेशन आहट
दरसअल रेलवे उच्चाधिकारियों के निर्देश पर डीडीयू आरपीएफ द्वारा समय-समय पर ऑपरेशन आहट अभियान चलाया जाता है। इसी क्रम में शनिवार को डीडीयू आरपीएफ, सीआइबी और बचपन बचाव आंदोलन की संयुक्त टीम द्वारा महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा और बालश्रम के लिए ले जाने वाले बच्चों की रोकथाम के मद्देनजर चेकिंग अभियान चलाया।
सियालदाह अजमेर एक्सप्रेस से 4 बच्चों को किया रेस्क्यू
संयुक्त टीम की तरफ से चेकिंग की जा रही थी कि 12987 अप सियालदाह अजमेर एक्सप्रेस ट्रेन प्लेफार्म नंबर 7 पर पहुंची। ट्रेन के डीडीयू स्टेशन पहुंचते ही संयुक्त टीम ने उस ट्रेन को अटेंड किया। इस दौरान ट्रेन के जनरल कोच में 4 नाबालिग बच्चे दिखें, जो काफी डरे हुए थे। बच्चों के साथ एक व्यक्ति भी मौजूद था।
संदेह के आधार पर पूछताछ
मौजूद टीम को उनकी हालात पर संदेह हुआ। टीम ने बच्चों से पूछताछ की तो पता चला कि उक्त व्यक्ति द्वारा सभी बच्चों को काम करवाने के लिए जयपुर ले जाया जा रहा है। टीम को प्रथम दृष्ट्या मामला बाल मजदूरी से जुड़ा लगा। जिसके बाद टीम ने सभी बच्चों तथा उनके साथ मौजूद व्यक्ति को ट्रेन से उतारा और डीडीयू पोस्ट लेकर अच्छे से पूछताछ की।
सभी बच्चे बिहार के रहने वाले
पूछताछ में पता चला कि बच्चों को अपने साथ ले जा रहें व्यक्ति का नाम राजीव कुमार निवासी बिहार है। साथ ही पता चला कि सभी नाबालिग बच्चे बिहार राज्य के ही रहने वाले हैं, जिन्हें एक मेटल की कंपनी में काम करवाने के लिए जयपुर ले जाया जा रहा था। डील के अनुसार बच्चों से 12 घंटे काम लेने की एवज में 14 हज़ार रुपये प्रतिमाह देना था।
आरपीएफ इंस्पेक्टर ने दी जानकारी
घटना के बारे में जानकारी देते हुए आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि मामला बाल मजदूरी का संदिग्ध पाकर रेस्क्यू किये गए सभी बच्चों को रेलवे चाईल्ड हेल्पडेस्क के सुपुर्द किया गया। साथ ही बच्चों के साथ मौजूद व्यक्ति को गिरफ्तार कर शिकायत पत्र के साथ मुग़लसराय कोतवाली पुलिस के हवाले कर दिया गया। वहीं मुग़लसराय पुलिस द्वारा आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
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