गाजियाबाद में खुला फर्जी दूतावास, 4 नकली देश बनाए, पुलिस भी हैरान!

Curated By: editor1 | Hindi Now Uttar Pradesh • 23 Jul 2025, 04:24 pm
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यूपी के गाजियाबाद में चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां फर्जीवाड़े की हद पार कर दी गई और एक फर्जी दूतावास खोल दिया गया। इतना ही नहीं, चार फर्जी देश भी बना दिए गए। आइये पूरा मामला जानते हैं।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में फर्जी दूतावास का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यूपी एसटीएफ ने मंगलवार को कविनगर क्षेत्र में छापा मारकर एक व्यक्ति हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है, जो खुद को कई काल्पनिक देशों का राजनयिक बताकर लोगों को धोखा दे रहा था। पुलिस ने उसके कब्जे से चार लग्जरी गाड़ियां जब्त की हैं, जिन पर डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी थीं। इसके अलावा 34 नकली मुहरें, विदेश मंत्रालय की मुहर वाले कूटरचित दस्तावेज और 44.70 लाख रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं। हर्षवर्धन कविनगर के पॉश इलाके में एक किराए के मकान में ‘वेस्ट आर्कटिक दूतावास’ चला रहा था।


एसटीएफ के एसएसपी सुशील घुले के मुताबिक हर्षवर्धन खुद को ‘वेस्ट आर्कटिक’, ‘सबोरगा’, ‘पुलावाविया’ और ‘लोडोनिया’ जैसे गैर-मौजूद देशों का कॉन्सुल एंबेसडर बताता था। वह वीवीआईपी फोटोशॉप तस्वीरों का इस्तेमाल कर लोगों को प्रभावित करता था। उसका मुख्य काम लोगों को विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगना और हवाला के जरिए काले धन को सफेद करना था।

गिरफ्तारी के दौरान हर्षवर्धन के पास से कई फर्जी दस्तावेज भी मिले, जिनमें दो प्रेस कार्ड, दो पैन कार्ड, 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेशी मुद्रा, दस्तावेज और 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट शामिल हैं। कार्रवाई से पहले एसटीएफ ने विदेश मंत्रालय को इसकी सूचना दी थी। मंत्रालय से जांच के बाद ही छापा मारा गया।


आरोपी का अपराधों से रहा है नाता

हर्षवर्धन का आपराधिक इतिहास भी सामने आया है। 2011 में वह दक्षिण अफ्रीका से बिना अनुमति सैटेलाइट फोन गाजियाबाद लाया था। फोन ऑन करते ही उसकी लोकेशन केंद्रीय एजेंसियों ने ट्रेस कर ली थी। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी, लेकिन देशविरोधी गतिविधि का सबूत न मिलने पर छोड़ दिया गया था। इस मामले में कविनगर थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी।

कविनगर गाजियाबाद का उच्च सुरक्षा वाला इलाका है, जहां वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय भी हैं। जिस मकान से फर्जी दूतावास चल रहा था, उसके बाहर अनूप सिंह नाम का नेम प्लेट लगा था, जबकि पास ही स्थित एक अन्य मकान से आरोपी का आना-जाना था, जो उसके पिता एचडी जैन का बताया जा रहा है।


क्या होता है दूतावास, क्या होता है काम

दूतावास किसी देश का अधिकारिक प्रतिनिधि कार्यालय होता है, जो विदेश में राजनयिक कार्यों और वहां रहने वाले नागरिकों की सहायता के लिए स्थापित किया जाता है। हर्षवर्धन फर्जी दूतावास खोलकर लोगों को ठगने का काम कर रहा था। इस तरह का मामला विदेश नीति और सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बन गया है। हालांकि एसटीएफ ने सख्त कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।


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