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Hindi Now Uttar Pradesh • 24 Jul 2025, 04:43 pm
बिजनौर के मंडोरी गांव में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 11 साल की बच्ची को तेंदुए ने शिकार बना लिया। बच्ची शाम 7 बजे शौच के लिए खेत गई थी, लेकिन देर तक वापस नहीं लौटी। जब परिजनों को चिंता हुई तो उन्होंने तलाश शुरू की। गांव के लोग और वन विभाग की टीम भी रातभर बच्ची को ढूंढते रहे, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। अगली सुबह करीब साढ़े 6 बजे बच्ची का शव घर से करीब 500 मीटर दूर गन्ने के खेत में मिला। शव की हालत बेहद डरावनी थी। शरीर के कई अंग खेत में बिखरे पड़े थे। सिर, धड़ और हाथ अलग-अलग स्थानों पर मिले। पेट और कमर की खाल को तेंदुए ने बुरी तरह नोच डाला था। यह नजारा देखकर परिवार और गांव वालों की रूह कांप गई।
घटना के बाद बच्ची की मां बेसुध हो गई और पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। बच्ची के पिता रवि कुमार मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। उनकी चार संताने हैं और कनिका सबसे बड़ी थी, जो गांव के स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ती थी। कनिका की मौत से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया और तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की। सूचना मिलने पर एसडीएम रितु रानी और सीओ अभय कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया। परिजनों को आश्वासन दिया गया कि हर संभव मदद की जाएगी। विरोध के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए।
वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरे लगा दिए हैं। ग्राम प्रधान महेश कुमार ने बताया कि तेंदुआ कई दिनों से क्षेत्र में घूम रहा था और इसको लेकर कई बार विभाग को सूचना दी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। यह कोई पहली घटना नहीं है। सिर्फ 21 दिन पहले मंडावर थाना क्षेत्र में तेंदुए ने ढाई साल के बच्चे को भी अपना शिकार बना लिया था। उस बच्चे को खेत से उठा ले गया था और बाद में अस्पताल ले जाने से पहले उसकी भी मौत हो गई थी। बीते 4 वर्षों में तेंदुए के हमले में 29 लोगों की जान जा चुकी है। अब लोग मांग कर रहे हैं कि वन विभाग सख्ती से तेंदुओं की निगरानी और पकड़ने की कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।
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